Kafan Shayari
एक दिन जब हुआ इश्क का एहसास उन्हें,
वो हमारे पास आ कर सारा दिन रोते रहे,
और हम भी इतने खुदगरज निकले यारों कि,
आँखे बंद कर के कफ़न में सोते रहे…
https://youtu.be/-rDFfbCuZQM
https://youtu.be/-rDFfbCuZQM
जनाजा रोक कर मेरा वह इस अंदाज से बोले,
गली हमने कही थी तुम तो दुनिया छोड़े जाते हो।
अब मौत से कह दो कि नाराज़गी खत्म कर ले,
वो बदल गया है जिसके लिए हम ज़िंदा थे!
मैं अब सुपुर्दे ख़ाक हूँ मुझको जलाना छोड़ दे,
कब्र पर मेरी तू उसके साथ आना छोड़ दे,
हो सके गर तू खुशी से अश्क पीना सीख ले,
या तू आँखों में अपनी काजल लगाना छोड़ दे!
ऐ मौत कितनी वफ़ा है तुझमें,
मैं आज आज़माना चाहता हूँ
जि़न्दगी ने बहुत रूलाया है मुझे,
तेरा साथ मिले तो मैं
जिंदगी को रूलाना चाहता हूँ!!
मेरे चेहरे से कफ़न हटा कर …
जरा दीदार तो कर लो ,
ऐ जान बंद हो गई है वो आंखे …
जिन्हे तुम रुलाया करते थे.
कितना ख़ुशनुमा होगा ,
वो मेरी मौत का मंजर ,
जब मुझे ठुकराने वाले खुद मुझे पाने के लिए ,
आंसू बहायेंगे …!!
मौत की वादियों से,
मैं कभी खुद को बचा तो न पाउंगी,
पर जब तक चली साँसे,
कसम तेरी ये मोहब्बत निभाऊंगी.
मोहब्बत मुझे थी उसी से सनम,
यादों में उसकी यह दिल तड़पता रहा,
मौत भी मेरी चाहत को रोक न सकी,
कब्र में भी यह दिल धड़कता रहा।
किमत पानी की नही, प्यास की होती है,
कदर मौत की नही, सांस की होती है,
प्यार तो बहुत लोग करते है दुनिया मे,
पर किमत प्यार की नही, विश्वास की होती है।
अब तो घबरा के ये कहते हैं कि मर जाएँगे
मर के भी चैन न पाया तो किधर जाएँगे
आगाह अपनी मौत से कोई बशर नहीं
सामान सौ बरस का है पल की ख़बर नहीं
जिंदगी तो हमेशा से ही,
बेवफा और ज़ालिम होती है मेरे दोस्त,
बस एक मौत ही वफादार होती है,
जो हर किसी को मिलती है।
रूह ए इश्क़ का अंजाम तो देखो
अपनी मौत का पैगाम तो देखो,
खुदा खुद लेने आया है जमीन पर
ये टूटे दिल का इनाम तो देखो।
https://youtu.be/xnhzd8gDhdE
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